Wednesday, August 13, 2008

______!!!मै नहीं लिखता!!!______


उनको ये शिकायत है.. मैं बेवफ़ाई पे नही लिखता !,
और मैं सोचता हूँ कि मैं उनकी रुसवाई पे नही लिखता!
'ख़ुद अपने से ज़्यादा बुरा, ज़माने में कौन है,
मैं इसलिए औरों की, बुराई पे नही लिखता’

'कुछ तो आदत से मज़बूर हैं और कुछ फ़ितरतों की पसंद है’,
ज़ख़्म कितने भी गहरे हों? मैं उनकी दुहाई पे नही लिखता.!'
'दुनिया का क्या है हर हाल में, इल्ज़ाम लगाती है,
वरना क्या बात? कि मैं कुछ अपनी.. सफ़ाई पे नही लिखता.'



'समंदर को परखने का मेरा, नज़रिया ही अलग है यारों!!
मिज़ाज़ों पे लिखता हूँ मैं उसकी.. गहराई पे नही लिखता.'
'पराए दर्द को , मैं ग़ज़लों में महसूस करता हूँ ,
ये सच है मैं शज़र से फल की, जुदाई पे नही लिखता.'
'तजुर्बा तेरी मोहब्बत का'.. ना लिखने की वजह बस ये!!
क़ि 'शायर' इश्क़ में ख़ुद अपनी, तबाही पे नही लिखता..!!!"


Tuesday, July 15, 2008

______!!! कोई तो होगा !!!______


किसी की आँखों मे मोहब्बत का सितारा होगा
एक दिन आएगा कि कोई शक्स हमारा होगा
कोई जहाँ मेरे लिए मोती भरी सीपियाँ चुनता होगा
वो किसी और दुनिया का किनारा होगा



काम मुश्किल है मगर जीत ही लूगाँ किसी दिल को
मेरे खुदा का अगर ज़रा भी सहारा होगा
किसी के होने पर मेरी साँसे चलेगीं
कोई तो होगा जिसके बिना ना मेरा गुज़ारा होगा



देखो ये अचानक ऊजाला हो चला,
दिल कहता है कि शायद किसी ने धीमे से मेरा नाम पुकारा होगा
और यहाँ देखो पानी मे चलता एक अन्जान साया,
शायद किसी ने दूसरे किनारे पर अपना पैर उतारा होगा,



कौन रो रहा है रात के सन्नाटे मे
शायद मेरे जैसा तन्हाई का कोई मारा होगा
अब तो बस उसी किसी एक का इन्तज़ार है,
किसी और का ख्याल ना दिल को ग़वारा होगाऐ ज़िन्दगी!
अब के ना शामिल करना मेरा नामग़र ये खेल ही दोबारा होगा