-----------कही खो गया हु मै------------
उन उजालो की तलाश में, जिंदगी को पाने की आस में
अपनों से दूर हो गया हु मै , लगता है कही खो गया हु मै :
उम्मीदों के सुनसान आँगन में आशाओं के फूल खिलते नहीं
अनजाने में कांटे बोओ गया हु मै, लगता है कही खो गया हु मै:
फसा हु जिंदगी के अनजाने भवर में, अंतहीन सिलसिलो के सफ़र में
किनारों से दूर हो गया हु मै , लगता है कही खो गया हु मै:
उन उजालो की तलाश में, जिंदगी को पाने की आस में
अपनों से दूर हो गया हु मै , लगता है कही खो गया हु मै :
उम्मीदों के सुनसान आँगन में आशाओं के फूल खिलते नहीं
अनजाने में कांटे बोओ गया हु मै, लगता है कही खो गया हु मै:
फसा हु जिंदगी के अनजाने भवर में, अंतहीन सिलसिलो के सफ़र में
किनारों से दूर हो गया हु मै , लगता है कही खो गया हु मै: